सोमवार, जून 13, 2011

कृप्या शीर्षक दें

आखिरी पैग खतम होते होते खुदा और ब्रह्मा को काफी नशा हो गया था. चूँकि वो दोनूं कम से कम चार दुनियाओं को सम्भाल रहे थे, इसलिए थोड़े व्यस्त थे. चारों दुनियाओं में विद्रोह हो रहा था.
लेखक विद्रोह कर रहे थे कि लिखने के लिए चारों दुनियाओं में कोई विषय नहीं था, अध्यापकों का विद्रोह था कि पढाने के लिए कुछ नहीं था. इसी तरह व्यापारी भी किसी पांचवीं दुनियां में व्यापर के लिए जाना चाहते थे, जो इनको भी मालूम नहीं थी. तभी इनकी नज़र जंगलों पर पड़ी ..............................
जंगल कटे और चारों दुनियाओं में कुछ नहीं बचा ............... खुदा और ब्रह्मा भी नहीं

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