tag:blogger.com,1999:blog-8011559670221079531.post753281925397363421..comments2013-09-21T11:49:07.329-07:00Comments on कथाकर्म: एक प्रजाति हुआ करती थी-जाटUnknownnoreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8011559670221079531.post-26260166313306661582013-09-21T11:49:07.329-07:002013-09-21T11:49:07.329-07:00जिस जाट समाज में अमर-अजर प्रेम गाथाएं हुई हों वो क...जिस जाट समाज में अमर-अजर प्रेम गाथाएं हुई हों वो कभी नहीं मर सकता| यह वही समाज है जिसने वीरता के साथ-साथ प्यार में भी सबसे ज्यादा झंडे गाड़े हैं और यकीन नहीं हो तो यह देख लीजिये: हीर-राँझा से ले शशि-पन्नू, शीरी-फरहाद से ले शाहीबा-मिर्जा, लीलो-चमन से ले धर्मेन्द्र-हेमामालिनी तक के किस्से इसी समाज में हुए और गाये जाते हैं। बाकायदा रागनियों के किस्से हैं इनपे।P K Malikhttps://www.blogger.com/profile/08037010984140928360noreply@blogger.com